पुरस्कार योजना
1. शिक्षा-पुरस्कार योजना
हिंदी में शिक्षा-विषयक मौलिक लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1992 में शिक्षा-पुरस्कार योजना शुरू की । इस समय इस योजना के अंतर्गत एक-एक लाख रुपए के पाँच पुरस्कार प्रतिवर्ष दिए जाने का प्रावधान है ।
विषय क्षेत्र
इस योजना के अंतर्गत ज्ञान के विविध क्षेत्रों, यथा : शिक्षा नीति, शिक्षण पद्धति, समाज शास्त्र, दर्शन, राजनीतिक चिंतन, संस्कृति, संचार माध्यम, नीति शास्त्र, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, आयुर्विज्ञान, विधि, राजनीति विज्ञान, पर्यावरण एवं शिक्षा संबंधी अन्य विषयों पर हिंदी तथा हिंदीतर भाषी लेखकों की मूल रूप से हिंदी में लिखित उत्कृष्ट, मौलिक तथा चिंतनपरक प्रकाशित पुस्तकें मान्य होंगी । सृजनात्मक साहित्य, पाठ्य पुस्तकें, शोध प्रबंध तथा अनूदित ग्रंथ इस योजना के अंतर्गत विचारणीय नहीं होंगे ।
पात्रता:-
भारत के किसी भी क्षेत्र के लेखक या उनकी ओर से प्रकाशक इस योजना के अंतर्गत अपनी पुस्तकें भेज सकते हैं । अप्रवासी भारतीय अथवा विदेशी हिंदी विद्वान भी इस योजना में भाग ले सकते हैं । केंद्रीय हिंदी निदेशालय के अधिकारी तथा कर्मचारी इस योजना के अंतर्गत भाग लेने के पात्र नहीं होंगे । भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों / कार्यालयों / राज्य सरकार के अधिकारी/ कर्मचारी अपने विभाग की अनुमति लेकर इस योजना में भाग ले सकते हैं ।
नियम
- योजना के अंतर्गत पिछले पाँच वर्षों में प्रकाशित पुस्तकें ही विचारणीय होंगी । उदाहरण के लिए, वर्ष 2018 के पुरस्कारों के लिए पिछले पाँच वर्षों अर्थात 2013, 2014, 2015, 2016 तथा 2017 में प्रकाशित पुस्तकें ही विचारणीय होंगी ।
- प्रकाशित पुस्तकें कम से कम 200 पृष्ठों की होनी अनिवार्य हैं ।
- इस योजना के अंतर्गत एक बार पुरस्कृत लेखक पुन: विचारणीय नहीं होंगे।
- इस योजना में पांडुलिपियों पर विचार नहीं किया जाएगा ।
- योजना के अंतर्गत भारत सरकार अथवा इसके द्वारा पोषित उपक्रमों / संस्थानों अथवा राज्य सरकारों या व्यावसायिक संस्थानों द्वारा पुरस्कृत किसी कृति पर विचार नहीं किया जाएगा ।
- योजना के अंतर्गत प्राप्त पुस्तकें वापस नहीं की जाएँगी ।
- विवरण-पत्र के साथ पुस्तक की पाँच प्रतियाँ भेजना अनिवार्य है ।
- पुस्तक की पाँच प्रतियों में से तीन प्रतियों पर से लेखक और प्रकाशक के नाम वाले भाग को हटा दिया जाए तथा निदेशालय को भेजने से पूर्व उन प्रतियों की पुन: जिल्दबंदी करा दी जाए। शेष दो प्रतियाँ सामान्य रूपाकार में ही भेजी जाएँ । किसी भी प्रकार के अधूरे विवरण-पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा । इस संबंध में लेखकों से कोई पत्राचार नहीं किया जाएगा ।
प्रविष्टियाँ आमंत्रित करने की प्रविधि
योजना के अंतर्गत प्रविष्टियाँ डी.ए.वी.पी. (प्रिंट मीडिया) हिंदी, अंग्रेज़ी तथा क्षेत्रीय भाषाओं के समाचार-पत्रों, इलैक्ट्रॉनिक मीडिया निदेशालय की वेबसाइट के माध्यम से विज्ञापन तथा अन्य विविध स्रोतों द्वारा आमंत्रित की जाएंगी । साहित्य अकादमी तथा भारतीय ज्ञानपीठ से पुरस्कृत लेखकों तथा इन संस्थाओं से भी प्रविष्टियाँ आमंत्रित की जाएगी । विभिन्न राज्यों में स्थित हिंदी ग्रंथ अकादमियों, विश्वविद्यालयों तथा प्रख्यात शिक्षण संस्थाओं (आई.आई.टी., आई.आई.एम. आदि) तथा अग्रणी प्रकाशकों को अलग से पत्र भेजकर पुरस्कारों के संबंध में विस्तृत सूचना दी जाएगी ताकि योजना के अंतर्गत अधिकाधिक एवं श्रेष्ठ पुस्तकें प्राप्त हो सकें । निदेशालय द्वारा खरीदी जाने वाली पत्रिकाओं में भी विज्ञापन सूचना के रूप में छपवाया जाएगा ।
चयन प्रक्रिया
योजना के अंतर्गत पुरस्कारों पर निर्णय के लिए चयन प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होगी । प्रक्रिया पारदर्शी बनाए रखने के लिए निदेशालय व्यापक संख्या में प्रत्येक क्षेत्र के विशेषज्ञों की सूची तैयार कराएगा जो चयन समिति के गठन में सहायक होगी। समिति में सदस्यों का चयन इस सूची से इतर भी किया जा सकता है।
प्रथम चरण – इस चरण में पुरस्कार के लिए पुस्तकों का प्रथम दृष्टि में आकलन किया जाएगा। आकलन का दायित्व दस सदस्यीय समिति का होगा। इसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा । समिति यदि अनुभव करती है कि पुरस्कारों के लिए श्रेष्ठ पुस्तकें प्राप्त नहीं हुई हैं तो वह अपनी ओर से अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकें शामिल करने की सिफारिश कर सकती है। ऐसी अनुशंसित पुस्तकें निदेशालय द्वारा क्रय करके अगले चरण की प्रक्रिया में शामिल की जाएंगी । इस तरह प्रथम चरण में पुरस्कारों की आधार सूची तैयार हो जाएगी । जिन लेखकों की पुस्तकें लेखकों के अलावा अन्य स्रोतों से प्राप्त होंगी उनके विवरण-पत्र तथा घोषणा-पत्र बाद में निदेशालय पत्राचार से प्राप्त करेगा ।
द्वितीय चरण - द्वितीय चरण में प्रथम चरण की समिति द्वारा चुनी गई समस्त पुस्तकों को विषयवार वर्गीकृत करके संबंधित विषयों के तीन-तीन विद्वानों से लिखित मूल्यांकन कराया जाएगा। मूल्यांकन पत्रक पर पुस्तक की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए उसकी गुणवत्ता के आधार पर 100 अंकों में से अंक प्रदान करेंगे। तीनों विशेषज्ञों द्वारा प्रदत्त अंकों के योगफल से पुस्तकों की गुणवत्ता का क्रम मान्य होगा ।
तृतीय चरण - पुरस्कारों का अंतिम निर्णय तीसरे चरण के लिए गठित पाँच सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा । यह समिति द्वितीय चरण के विशेषज्ञों द्वारा प्रदत्त अंकों के आधार पर पाँच पुरस्कारों के लिए अंतिम रूप से पुस्तकों का चयन करेगी ।
विशेष -- उक्त तीनों समितियों में सदस्यों की पुनरावृत्ति नहीं होगी ।
परिणामों की घोषणा
योजना के अंतर्गत पुरस्कृत कृतियों तथा उनके लेखकों के नामों की अधिसूचना निदेशालय के वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। पुरस्कृत लेखकों को व्यक्तिगत रूप से अलग से भी सूचना दी जाएगी।
हिंदी नवलेखन
हिंदीतरभाषी हिंदी लेखक पुरस्कार योजना
हिंदीतरभाषी क्षेत्रों के हिंदी लेखकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने तृतीय पंचवर्षीय योजना के दौरान हिंदीतरभाषी हिंदी लेखक पुरस्कार योजना शुरू की । इस समय इस योजना के अंतर्गत एक-एक लाख रुपए के 19 पुरस्कार प्रतिवर्ष दिए जाने का प्रावधान है ।
2. विषय-क्षेत्र
योजना के अंतर्गत पुरस्कारों के लिए निम्नलिखित श्रेणी की कृतियाँ विचारणीय होंगी :-
- सृजनात्मक साहित्य – इसमें कथा साहित्य, नाटक, संस्मरण, यात्रा-वृत्तांत, निबंध, काव्य एवं समीक्षा / आलोचना से संबंधित उत्कृष्ट, मौलिक तथा चिंतनपरक कृतियाँ विचारणीय होंगी ।
- साहित्येतर विषयों यथा – क्षेत्रीय संस्कृति, ललित कला एवं मानविकी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक विज्ञान से संबंधित पुस्तकें भी विचारणीय होंगी ।
- भारतीय भाषाओं के स्तरीय ग्रंथों का हिंदी अनुवाद भी इस योजना में विचारणीय होगा ।
टिप्पणी – उपर्युक्त ‘क' तथा ‘ख' के अंतर्गत पर्याप्त प्रविष्टियाँ प्राप्त न होने की स्थिति में ही ‘ग' से संबंधित प्रविष्टियों पर विचार किया जाएगा ।
शोध-प्रबंध अथवा लघु शोध-प्रबंध इस योजना के अंतर्गत विचारणीय नहीं होंगे ।
3. पात्रता
- ऐसे लेखक जिनकी मातृभाषा हिंदी को छोड़ कर अन्य कोई भारतीय भाषा हो और जो देश के किसी हिंदीतरभाषी राज्य, संघ शासित प्रदेश जैसे: असम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, अंडमान निकोबार, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, गुजरात, गोवा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब आदि में रह रहे हों, इस योजना के अंतर्गत अपनी प्रविष्टियाँ भेज सकते हैं ।
- ऐसे लेखक जो 15 वर्ष या इससे अधिक समय तक किसी हिंदीभाषी राज्य/ संघ शासित प्रदेश में कभी भी रहे हैं अथवा रह रहे हैं, की कृतियाँ इस योजना के अंतर्गत विचारणीय नहीं होगी।
4. नियम:-
- इस पुरस्कार योजना में केवल ऐसी पुस्तकों पर ही विचार किया जाएगा जो पिछले पाँच वर्षों में प्रकाशित हुई हों। उदाहरण के लिए वर्ष 2018 के पुरस्कारों के लिए वर्ष 2013, 2014, 2015, 2016 तथा 2017 में प्रकाशित पुस्तकें ही विचारणीय होंगी ।
- योजना के अंतर्गत पुरस्कार हेतु प्रेषित पुस्तक अनिवार्यत: कम से कम 100 पृष्ठों की होनी चाहिए ।
- इस योजना में पांडुलिपियों (हस्तलिखित अथवा टंकित) पर विचार नहीं किया जाएगा ।
- इस योजना के तहत एक बार पुरस्कृत लेखक पुन: विचारणीय नहीं होंगे ।
- केंद्रीय हिंदी निदेशालय के अधिकारी तथा कर्मचारी एवं उनके आश्रित इस योजना के अंतर्गत अपनी प्रविष्टियाँ भेजने के पात्र नहीं होंगे ।
- भारत सरकार अथवा इसके द्वारा पोषित उपक्रमों / संस्थाओं, राज्य सरकारों अथवा व्यावसायिक संस्थाओं / संगठनों द्वारा पुरस्कृत कोई भी कृति योजना के अंतर्गत विचारणीय नहीं होगी ।
- योजना के अंतर्गत पुरस्कार हेतु पुस्तक की पाँच प्रतियाँ भेजना अनिवार्य है ।
- पुस्तक की पाँच प्रतियों में से तीन प्रतियों पर से लेखक और प्रकाशक के नाम वाले भाग को हटा दिया जाए तथा निदेशालय को भेजने से पूर्व उन प्रतियों की पुन: जिल्दबंदी करा दी जाए । शेष दो प्रतियाँ सामान्य रूपाकार में ही भेजी जाएँ।
- इस योजना के अंतर्गत प्राप्त पुस्तकें (पुरस्कृत/ अपुरस्कृत) लौटाई नहीं जाएँगी।
- पुस्तक की पाँच प्रतियाँ विधिवत भरे हुए विवरण-पत्र के साथ निदेशक, केंद्रीय हिंदी निदेशालय उच्चतर शिक्षा विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पश्चिमी खंड-7, रामकृष्णपुरम, नई दिल्ली-110066 को निर्धारित समय सीमा में भेज दी जाएँ।
- आवेदन-पत्र के सभी कॉलम पूर्णतया भरे होने चाहिए तथा समस्त अपेक्षित सामग्री, कागजात, प्रमाण-पत्र आदि संलग्न किए जाने चाहिए ।
- किसी भी प्रकार के अधूरे विवरण-पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा । इस संबंध में लेखकों से कोई पत्राचार नहीं किया जाएगा ।
5. प्रविष्टियाँ आमंत्रित करने की प्रविधि
योजना के अंतर्गत प्रविष्टियाँ डी.ए.वी.पी. (प्रिंट मीडिया) द्वारा हिंदी, अंग्रेज़ी तथा क्षेत्रीय भाषाओं के विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रदत्त विज्ञापन द्वारा आमंत्रित की जाएंगी । योजना के अंतर्गत ‘साहित्य अकादमी' तथा भारतीय ज्ञानपीठ एवं इन संस्थाओं से पुरस्कृत लेखकों से भी उपयुक्त पात्रों की प्रविष्टियाँ भेजने का अनुरोध किया जाएगा । योजना से संबंधित समस्त जानकारी निदेशालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी । इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में स्थित हिंदी ग्रंथ अकादमियों, विश्वविद्यालयों तथा प्रख्यात गैर सरकारी स्वैच्छिक संस्थाओं को अलग से पत्र भेज कर पुरस्कारों के संबंध में विस्तृत सूचना दी जाएगी ताकि योजना के अंतर्गत अधिकाधिक एवं श्रेष्ठ पुस्तकें प्राप्त हो सकें । निदेशालय द्वारा खरीदी जाने वाली पत्रिकाओं में भी योजना से संबंधित विज्ञापन सूचना के रूप में छपवाया जाएगा ।
6. चयन प्रक्रिया
योजना के अंतर्गत पुरस्कारों पर निर्णय के लिए चयन प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होगी। प्रक्रिया पारदर्शी बनाए रखने के लिए निदेशालय विभिन्न भाषा-भाषी हिंदी विद्वानों की एक बृहत सूची तैयार कराएगा जो चयन समिति के गठन में सहायक होगी। इस आधार सूची में उल्लिखित हिंदी विद्वानों से इतर विद्वान भी समिति में मनोनीत किए जा सकते हैं ।
- प्रथम चरण – इस चरण में पुरस्कारों के लिए प्राप्त पुस्तकों का प्रथम दृष्टि में आकलन किया जाएगा। आकलन का दायित्व प्रथम चरण की मूल्यांकन समिति पर होगा। इस समिति में आवश्यकतानुसार (लगभग दस) विभिन्न भाषा-भाषी विद्वानों को शामिल किया जाएगा। यदि समिति यह अनुभव करती है कि विचारणीय वर्षों में प्रकाशित उत्कृष्ट कृतियों की प्रविष्टियाँ योजना के अंतर्गत प्राप्त नहीं हुई हैं तो वह अपनी ओर से उन्हें शामिल करने की सिफारिश कर सकती है। ऐसी कृतियों के लेखकों को निदेशालय द्वारा विवरण-पत्र तथा घोषणा – पत्र भिजवा दिया जाएगा ताकि वे इस योजना के अंतर्गत विधिवत रूप से सम्मिलित हो सकें I
- समिति के सदस्य निर्धारित मानदंडों एवं पुस्तक की गुणवत्ता के आधार पर पुरस्कार के लिए प्राप्त पुस्तकों में से द्वितीय चरण के लिखित मूल्यांकन के लिए पुस्तकों का चयन करेंगे।
- द्वितीय चरण -प्रथम चरण की मूल्यांकन समिति द्वारा चुनी गई प्रत्येक पुस्तक का द्वितीय चरण हेतु लिखित मूल्यांकन हिंदी के तीन विद्वानों से कराया जाएगा। यह मूल्यांकन पुस्तक की विषय वस्तु, भाषा -शैली तथा उसके समग्र प्रभाव- के आधार पर किया जाएगा। विशेषज्ञों को एक मूल्यांकन पत्रक उपलब्ध कराया जाएगा। मूल्यांकक मूल्यांकित पुस्तक के संबंध में अपनी संक्षिप्त विश्लेषणात्मक टिप्पणी के साथ पुस्तक की गुणवत्ता,विषय वस्तु, भाषा-शैली तथा समग्र प्रभाव के आधार पर उसे उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, औसत या औसत से कम के रुप में मूल्याकिंत करेंगे तथा अंक भी प्रदान करेंगे ।
- तृतीय चरण - पुरस्कारों का अंतिम निर्णय तीसरे चरण के लिए गठित पाँच सदस्यीय उच्चस्तरीय चयन समिति के द्वारा किया जाएगा। यह समिति द्वितीय चरण के विशेषज्ञों द्वारा प्रदत्त पुस्तक की श्रेणी एवं उसके संबंध में टिप्पणी के आधार पर उन्नीस पुरस्कारों के लिए पुस्तकों का चयन करेगी।
- विशेष – पुरस्कारों के संबंध में उच्चस्तरीय समिति का निर्णय अंतिम होगा । उक्त तीनों समितियों में सदस्यों की पुनरावृत्ति नहीं होगी ।
7. परिणामों की घोषणा
योजना के अंतर्गत पुरस्कृत कृतियों तथा उनके लेखकों के नामों की अधिसूचना निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी । पुरस्कृत लेखकों को पुरस्कार के निर्णय की सूचना पत्र द्वारा भी दी जाएगी ।
8. अंतिम तिथि
योजना के अंतर्गत प्रविष्टियाँ पुस्तक की पाँच प्रतियों सहित निर्धारित आवेदन-पत्र तथा घोषणा-पत्र के साथ प्रतिवर्ष विज्ञापन प्रकाशित होने के 60 दिन के भीतर निदेशक, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, पश्चिमी खण्ड-7, आर. के. पुरम, नई दिल्ली-110066 के पास भेजी जा सकती हैं।
टिप्पणी – आवेदन-पत्र और घोषणा-पत्र का प्रारूप क्रमश: परिशिष्ट I तथा II पर उपलब्ध है ।