हमारे बारे में
'अहं राष्ट्री संगमनी वसूनाम्' के सूत्र वाक्य के साथ 1 मार्च, 1960 को शिक्षा मंत्रालय (वर्तमान में उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय) के अधीन केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना हुई। हिंदी को अखिल भारतीय स्वरूप प्रदान करने, हिंदी के माध्यम से जन-जन को जोड़ने और हिंदी को वैश्विक धरातल पर प्रतिष्ठित करने के लिए निरंतर प्रयासरत यह हिंदी की शीर्षस्थ सरकारी संस्था है।
भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 351 में हिंदी भाषा के विकास हेतु स्पष्ट निर्देश है:
"संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे ताकि वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सकें तथा उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना हिंदुस्तानी के और आठवी अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भारतीय भाषाओं के प्रयुक्त रूप, शैली और पदों को आत्मसात् करते हुए तथा जहाँ आवश्यक या वाँछनीय हो वहाँ उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यत: संस्कृत से तथा गौणत: अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करे।'' संविधान की इसी भावना और विशेष निर्देशों के अनुपालन हेतु केंद्रीय हिंदी निदेशालय का जन्म हुआ।
कर्तव्य और दायित्व
क. हिंदी का विकास
- शब्दकोश एवं विश्वकोश का निर्माण
- हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के तुलनात्मक व्याकरण का निर्माण
- प्रकाशकों के सहयोग से लोकप्रिय पुस्तकों को प्रकाशित करना
- विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा हिंदी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का समन्वय करना
ख. देवनागरी लिपि
- देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण करना
- परिवर्धित देवनागरी का विकास एवं प्रचार करना
- भारतीय भाषाओं की कुछ चुनिंदा रचनाओं को डिजिटल रूप में तैयार करना
ग. हिंदी का संवर्धन
- द्विभाषी प्रवेशिकाओं (प्राइमर्स) का निर्माण
- विदेशियों के लिए हिंदी प्रवेशिकाओं (प्राइमर्स) का निर्माण
- भाषा के विभिन्न पाठों के सीडी तथा डीवीडी तैयार करना
- हिंदीतर भाषी क्षेत्रों में हिंदी पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण
- हिंदी सूचना केंद्र
घ. पत्र-पत्रिकाएँ
- भाषा (द्विमासिक)
- वार्षिकी
- साहित्यमाला
ङ. विस्तार कार्यक्रम
- हिंदी विद्वानों की प्राध्यापक व्याख्यान माला
- हिंदीतर भाषी क्षेत्रों के हिंदी भाषी विद्यार्थियों की छात्र अध्ययन यात्रा
- हिंदीतर भाषी हिंदी नवलेखक शिविर
- राष्ट्रीय संगोष्ठी
- शोध छात्र यात्रा अनुदान
च. पुरस्कार
- हिंदीतर भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार
- शिक्षा पुरस्कार
छ. हिंदी परीक्षाओं की मान्यता संबंधी कार्य
ज. हिंदी में पत्राचार पाठ्यक्रम
- प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ
- हिंदी सर्टिफिकेट
- हिंदी डिप्लोमा
- एडवांस हिंदी डिप्लोमा
- सिविल सेवा हिंदी पाठ्यक्रम
झ. हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए स्वैच्छिक हिंदी संस्थाओं को वित्तीय सहायता
- हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वित्तीय सहायता।
- हिंदी के प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता।
ञ. हिंदी पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण
ट. पुस्तक प्रदर्शनी एवं बिक्री
निदेशालय का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय चेन्नई, हैदराबाद, गुवाहाटी, कोलकाता में है।